I am Insurance

I am Insurance. Yes, I am a promise. Yes I am Life Insurance I am Health Insurance. I am your car insurance. I secure your life, so after you are gone, I take care of your family. I am the only one who works when you fall ill. I am the only one who comes in handy when you leave your family in the middle of the way.

I will make sure of the future. I will save your family for the future. I promise When you are no more in this world, I will take care of your family. I will make the future of your children. I will not allow your wife to spread her hand in front of anyone. I promise

How many times did you drive agents out of your house? Think not once but many times if he had not followed you. So you don’t take any insurance.

You are lying on the bed today and you have got all the money for the doctor and medical tests for 20 days in the hospital and before that. You will also get money for this medicine which is lying on the bed today. It promises insurance with certainty.

You are thanking me today. You are paying because of that insurance agent. They don’t just return the progress that came home. No one knows when the time changes, but if you understand, then you will definitely understand.

Today Sharma ji’s wife ties Rakhi to that insurance agent. Who did not even want to give tea when he came earlier? Do you know why? Because he had given three types of insurance to Sharma ji. One had given insurance of Sharma ji’s life and that of his children and health.

Sharma ji had a serious illness. Huge cost of treatment and after that Sharma ji left this world. Left a son and a daughter and a helpless wife.

The land had been left under the feet of Sharma ji’s wife.

They did not understand how you would live and what would happen to the future of the children. How will you make the future of children? His biggest concern was that I didn’t know anything.

Then I stood with him, I had paid all the expenses of Sharma ji’s medicine and treatment. But who can avert it. Everyone is compelled in front of the situation, the treatment of some diseases is not possible even today, sometimes they give life for a few days but they are not able to save the person. But I stood there, I was supported in every situation.

When Sharma ji was ill and even after leaving this world. I said no, I am a promise that I keep with me in every situation. Sharma ji’s wife did not even know. What is the importance of the policy money that Sharma ji used to deposit?

He always felt that money was going in vain. When you make a demand, you have to deposit the policy money, after hearing that Sharma’s wife’s ears were cooked and used to say good and bad to the agent. But today the situation is different, she considers the agent to be an angel, she has become an angel brother, she adorns a rakhi on her wrist. After all, why all this happened, can you tell why? Because I’m insured. I am promise.

I had paid all the bills for Sharma ji’s illness and after his departure, I am taking care of his family. I am also fulfilling the responsibility of children’s education.

I have taken the responsibility of the household expenses of Sharma ji’s wife and the children’s future.

Today Sharma ji’s wife has understood me and is taking me to other people. Today she knows very well who keeps the word. Yes, Sharma ji is no more, but despite not being there, he is with his family. His family is not begging today. He is not extending his hand in front of anyone. Sharma ji’s wife is not eating by demanding from her family nor from any relative. Because I stand with you.

Yes, I am Insurance. If you can accept it, then accept the truth, if you can love yourself and your family, then keep the denial away from me. Yes, I am Insurance, yes, I am a promise.

मैं इंश्योरेंस हूं

मैं इंश्योरेंस हूं। हां, मैं एक वचन हूं।  हां मैं जीवन बीमा हूं मैं ही स्वास्थ्य बीमा हूं। मैं हीं तुम्हारी गाड़ी वाला बीमा हूं। मैं तुम्हारा जीवन सुरक्षित करता हूं तो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे परिवार को पालता हूं। मैं ही तो काम आता हूं जब तुम बीमार पड़ जाते हो।  मैं ही तो काम आता हूं जब तुम बीच रास्ते में अपने परिवार को छोड़ कर चले जाते हो। 

मैं भविष्य सुनिश्चित करता हूं।  तुम्हारे परिवार का मैं ही तो भविष्य के लिए बचत करता हूं। मैं वचन देता हूं। जब तुम नहीं रहोगे इस दुनिया में तो मैं तुम्हारे परिवार को पालूंगा। तुम्हारे बच्चों का भविष्य बनाऊँ गा। तुम्हारी पत्नी को किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं दूंगा।  मैं वचन देता हूं। 

तुमने कितनी बार एजेंटों को अपने घर से भगाया था।  एक नहीं कई बार सोचो अगर वह तुम्हारे पीछे ना पड़ता। तो तुम एक भी बीमा ना लेते।

आज तुम जो बिस्तर पर पड़े हो और वह 20 दिन हॉस्पिटल के और उससे पहले डॉक्टर और मेडिकल टेस्ट के पैसे सब तो मिल गए तुम्हें। आज जो बिस्तर पर पड़े हो  इस दवा का भी पैसा तुमको मिलेगा। यह यकीन के साथ बीमा वचन देता है। आज जो तुम मुझे धन्यवाद दे रहे हो। उस बीमा एजेंट की वजह से दे रहे हो। घर आई  तरक्की को यूंही वापस नहीं करते हैं।  समय कब बदल जाए किसी को क्या पता पर अगर समझ है तुम्हें तो तुम जरूर समझोगे। 

आज शर्मा जी की पत्नी उस बीमा एजेंट को राखी बांधती है। जो पहले उसके आने पर चाय तक देना नहीं चाहती थी।  जानते हो क्यों ? क्योंकि शर्मा जी को उसने तीन तरह के बीमा दिए थे। एक शर्मा जी के जीवन का और उनके बच्चों का और स्वास्थ्य का बीमा दिया था। 

शर्मा जी को गंभीर बीमारी थी। इलाज का भारी खर्चा और उसके बाद शर्मा जी इस दुनिया से चले गए। छोड़ गए एक बेटा और एक बेटी और असहाय पत्नी को। 

शर्मा जी की पत्नी के पांव तले जमीन निकल गई थी। 

उनके समझ में नहीं आ रहा था कि आप कैसे जिएंगे और बच्च्चों के भविष्य का क्या होगा। कैसे बनाएंगे बच्चों का भविष्य। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह थी कि मुझे तो कुछ आता ही नहीं। 

तब मैं ही खड़ा हुआ उसके साथ शर्मा जी की दवाई और इलाज का खर्च सब मैंने हीं तो अदा किया था। पर होनी को कौन टाल सकता है।  हालात के आगे सब मजबूर है कुछ बीमारियों का इलाज आज भी संभव नहीं है वक्ती तौर पर कुछ दिन जीवन दे  देते हैं पर बचा नहीं पाते इंसान को।  पर मैं खड़ा था हर हालात में मैं साथ दे रहा था।  जब शर्मा जी बीमार थे और  इस दुनिया के जाने के बाद भी।  मैंने कहा ना मैं एक वचन हूं जो हर हाल में साथ निभाता हूं।  शर्मा जी की पत्नी को पता ही नहीं था। जो पॉलिसी के पैसे शर्मा जी जमा करते थे उसका महत्व क्या है। उन्हें तो हमेशा लगता था कि बेकार में पैसे जा रहे हैं।

जब कोई मांग करो तो पॉलिसी का पैसा जमा करना है सुन सुन के शर्मा जी की पत्नी के कान पक गए थे और एजेंट को भला-बुरा कहती थी। पर आज हालात कुछ और हैं  वह एजेंट को फरिश्ता  मानती है वह  फरिश्ता भाई हो गया है कलाई पर राखी सजती है। आखिर यह सब हुआ क्यों बता सकते हो क्यों ?

क्योंकि मैं बीमा हूं।  एक वचन  हूं।  मैंने हीं चुकाए थे शर्मा जी की बीमारी के सारे बिल और उनके जाने के बाद उनके परिवार को मैं ही पाल रहा हूं।  बच्चों की पढ़ाई की  जिम्मेदारी को भी साथ में  निभा रहा हूं।  

शर्मा जी की पत्नी का  घर खर्च और बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी को मैंने ही तो ली है। 

आज शर्मा जी के पत्नी मुझे समझ पाई है और मुझे और लोगों तक पहुंचा रही है।  वह आज अच्छी तरह जान गई है कि वचन कौन निभाता है। हां शर्मा जी  तो नहीं रहे पर ना होते हुए भी अपने परिवार के साथ हैं। उनका परिवार आज भीख नहीं मांग रहा है। किसी के आगे हाथ नहीं फैला  रहा है।  शर्मा जी की पत्नी किसी अपने से परिवार से और ना ही किसी रिश्तेदार से  मांग कर खा रही  है।  क्योंकि मैं साथ खड़ा हुआ हूँ। 

हां मैं बीमा हूं। अगर मान सको तो सच को स्वीकार करो अपने आप से और अपने परिवार से प्यार कर सको  तो इंकार को दूर रखो मुझसे। हां मैं बीमा हूं। हां मैं एक  वचन हूँ। 

Mind Maps

What is Insurance?

I am Insurance. Yes, I am a promise

Insurance वित्तीय नुकसान से सुरक्षा का एक साधन है। यह जोखिम प्रबंधन का एक रूप है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से आकस्मिक या अनिश्चित नुकसान के जोखिम से बचाव के लिए किया जाता है।

An entity which provides insurance is known as an insurer, an insurance company, an insurance carrier or an underwriter.

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